TB-Free Himachal Campaign: प्रदेश सरकार के ‘टीबी मुक्त हिमाचल’ अभियान के तहत मंडी जिले में 100 दिनों का सघन अभियान शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य 2025 तक हिमाचल प्रदेश को टीबी मुक्त बनाना है। अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर ने आज मंडी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार से इस अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि टीबी एक इलाज योग्य रोग है और समय रहते इसका इलाज संभव है।
उन्होंने टीबी मुक्त हिमाचल के संकल्प को सफल बनाने के लिए सभी जिला विभागों की शत प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि इस अभियान में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज संस्थाएं और शैक्षणिक संस्थानों के साथ रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि इस अभियान में जनभागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा, और आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों की जांच की जाएगी। यदि लक्षण पाए गए तो तत्काल उपचार शुरू किया जाएगा और उपचार की पूरी अवधि की निगरानी की जाएगी। उन्होंने इस अभियान की सफलता में मीडिया कर्मियों का भी अहम योगदान बताया।
रोहित राठौर ने इस मौके पर क्षेत्रीय अस्पताल मंडी से निःक्षय वाहन और ऑटो रिक्शा रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह निःक्षय वाहन 100 दिनों तक जिला के सभी 11 स्वास्थ्य खंडों में जाकर टीबी के लक्षण और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र भारद्वाज ने कार्यक्रम का स्वागत किया, जबकि जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अरिंदम राय ने अभियान की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान 16 विभिन्न श्रेणियों में टीबी के संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी और उन्हें मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही निःक्षय योजना के तहत 1000 रूपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि और पोषाहार किट भी दी जाएगी।
इस अवसर पर डॉ. श्रुति राजन (विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाहकार), डॉ. डी.सी. वर्मा (चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल मंडी), जी.सी. पाठक (जिला विकास अधिकारी, ग्रामीण विकास विभाग) समेत कई अन्य विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।